पुरातात्ववेता, इतिहासकारों और अनुसंधानकर्ताओं का आकर्षण का केंद्र बगेरा ग्राम
जहा पर विश्व का एकमात्र
चमत्कारी प्रसिद्ध श्री सूर बराह मंदिर हे
एकमात्र प्रसिद्ध श्री सूर बराह मंदिर बघेरा
अजमेर: -दिनेश कुमार कीर की रिपोर्ट एवं सहयोगी प्रदीप, संदीप, राजू, एवं शुशील।
अजमेर जिले की केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बघेरा में चमत्कारी एवं प्रसिद्ध सूर बराह मंदिर वराह सागर के तट पर स्थित है
जहां किसी मंदिर में या मूर्ति में, कोई चमत्कार दिखाई दे वे अतिशय क्षेत्र कहलाते हैं । जहां आस्था और विश्वास है, वहां अतिशय या चमत्कार है।
अतिशय या चमत्कार कौतुहल पैदा करते हैं। और अतिशय का सिलसिला श्रद्धा को जन्म देता है।
ऐसा ही एक चमत्कारी क्षेत्र है बघेरा। बघेरा क्षेत्र में विशुद्ध ध्यान रुपी जल से कर्म-मल को धोकर "आत्म विशुद्धि' प्राप्त की जा सकती है।
बघेरा ग्राम अरावली पर्वतमाला में बनास नदी की सहायक डाईनदी के किनारे पर स्थित है यह राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में गृह जिले से लगभग 100 किमी पूर्वी-दक्षिण दिशा में एवं केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगभग 20 किमी दूरी है टोंक जिले की सीमा को छूता हुआ, केकड़ी- टोडारायसिंह मार्ग पर स्थित है। पास ही डाई नदी, खारी नदी एवं बनास नदी के संगम स्थल पर बीसलपुर बांध है।
बघेरा ग्राम कला एवं पुरातत्व की मूल्यवान सामग्री होने से पुरातात्ववेता, इतिहासकारों और अनुसंधानकर्ताओं का आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां भूगर्भ से समय-समय पर प्राचीन मूर्तियां, तोरणद्वार निकलते रहे हैं । जो प्राय 11वीं से 13वीं शताब्दी की है।
तालाब के किनारे सूर बराह की मूर्ति खुदाई में निकली थी। इससे ऐसा लगता है कि प्राचीन काल में इस ग्राम में जैन एवं हिंदुओं को प्रसिद्ध बराह मंदिर थे। सूर-बराह मंदिर के कारण इस ग्राम बाराह जी ग्राम भी कहा जाता है।
यह दिगंबर जैन संप्रदाय के बघेरवाल जाति का उद्गंम स्थल है।
बघेरा के लिए परिवहन सुविधा केकड़ी एवं टोडारायसिंह से राजस्थान परिवहन निगम एवं प्राइवेट बस सेवा बघेरा हेतु दिन मे एक- एक घंटे में उपलब्ध है निजी साधन से जयपुर से मालपुरा- जूनियां एवं मालपुरा- टोडारायसिंह होकर भी बघेरा चमत्कारी या अतिशय क्षेत्र पर पहुंचा जा सकता है।
#BAGHERAJAINMANDIR
जहा पर विश्व का एकमात्र
चमत्कारी प्रसिद्ध श्री सूर बराह मंदिर हे
एकमात्र प्रसिद्ध श्री सूर बराह मंदिर बघेरा
अजमेर: -दिनेश कुमार कीर की रिपोर्ट एवं सहयोगी प्रदीप, संदीप, राजू, एवं शुशील।
अजमेर जिले की केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बघेरा में चमत्कारी एवं प्रसिद्ध सूर बराह मंदिर वराह सागर के तट पर स्थित है
जहां किसी मंदिर में या मूर्ति में, कोई चमत्कार दिखाई दे वे अतिशय क्षेत्र कहलाते हैं । जहां आस्था और विश्वास है, वहां अतिशय या चमत्कार है।
अतिशय या चमत्कार कौतुहल पैदा करते हैं। और अतिशय का सिलसिला श्रद्धा को जन्म देता है।
ऐसा ही एक चमत्कारी क्षेत्र है बघेरा। बघेरा क्षेत्र में विशुद्ध ध्यान रुपी जल से कर्म-मल को धोकर "आत्म विशुद्धि' प्राप्त की जा सकती है।
बघेरा ग्राम अरावली पर्वतमाला में बनास नदी की सहायक डाईनदी के किनारे पर स्थित है यह राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में गृह जिले से लगभग 100 किमी पूर्वी-दक्षिण दिशा में एवं केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से लगभग 20 किमी दूरी है टोंक जिले की सीमा को छूता हुआ, केकड़ी- टोडारायसिंह मार्ग पर स्थित है। पास ही डाई नदी, खारी नदी एवं बनास नदी के संगम स्थल पर बीसलपुर बांध है।
बघेरा ग्राम कला एवं पुरातत्व की मूल्यवान सामग्री होने से पुरातात्ववेता, इतिहासकारों और अनुसंधानकर्ताओं का आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां भूगर्भ से समय-समय पर प्राचीन मूर्तियां, तोरणद्वार निकलते रहे हैं । जो प्राय 11वीं से 13वीं शताब्दी की है।
तालाब के किनारे सूर बराह की मूर्ति खुदाई में निकली थी। इससे ऐसा लगता है कि प्राचीन काल में इस ग्राम में जैन एवं हिंदुओं को प्रसिद्ध बराह मंदिर थे। सूर-बराह मंदिर के कारण इस ग्राम बाराह जी ग्राम भी कहा जाता है।
यह दिगंबर जैन संप्रदाय के बघेरवाल जाति का उद्गंम स्थल है।
बघेरा के लिए परिवहन सुविधा केकड़ी एवं टोडारायसिंह से राजस्थान परिवहन निगम एवं प्राइवेट बस सेवा बघेरा हेतु दिन मे एक- एक घंटे में उपलब्ध है निजी साधन से जयपुर से मालपुरा- जूनियां एवं मालपुरा- टोडारायसिंह होकर भी बघेरा चमत्कारी या अतिशय क्षेत्र पर पहुंचा जा सकता है।
#BAGHERAJAINMANDIR
सूर बराह मंदिर की अबूझ पहेली ।। Rajasthan news latest newspaper mockup | |
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News & Politics | Upload TimePublished on 25 Dec 2018 |
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